नई दिल्ली/टीडीएस वायरल संवाददाता: यमन में फांसी की सज़ा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत मिली है। भारतीय ग्रैंड मुफ़्ती कंथापुरम एपी अबुबकर मुस्लैयार के कार्यालय द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा को आधिकारिक रूप से रद्द कर दिया गया है। यह निर्णय सना में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में लिया गया, जहां यमनी अधिकारियों, धार्मिक प्रतिनिधियों और भारतीय पक्ष के बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह सफलता मिली।
Yemen Nimisha Priya कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया, केरल की 37 वर्षीय नर्स हैं, जो बेहतर जीवन की तलाश में 2015 में यमन गई थीं। वहाँ उन्होंने एक स्थानीय व्यक्ति तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक स्थापित किया था। चूंकि यमन में विदेशी नागरिकों को स्वतंत्र रूप से व्यवसाय करने की अनुमति नहीं है, इसलिए कानूनी औपचारिकता के तहत महदी के नाम पर यह क्लिनिक खोला गया।

कैसे फंसीं yemen nimisha priya हत्या के मामले में?
परिवार के अनुसार, तलाल महदी ने निमिषा के साथ धोखाधड़ी की। उसने भारत यात्रा के दौरान ली गई एक शादी की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर यह दावा किया कि दोनों शादीशुदा हैं। इसके बाद महदी ने क्लिनिक पर कब्जा कर लिया और निमिषा की मासिक कमाई भी हड़पनी शुरू कर दी। आरोप है कि महदी ने निमिषा पर शारीरिक और मानसिक शोषण करना शुरू कर दिया। उसने निमिषा का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया, जिससे वह यमन छोड़कर वापस भारत नहीं आ सकीं।
Yemen nimisha priya
निमिषा ने जब स्थानीय पुलिस और न्याय प्रणाली से मदद मांगी, तो उन्हें कुछ समय के लिए जेल भी जाना पड़ा। परेशान होकर निमिषा ने महदी को बेहोश करने की योजना बनाई ताकि उसका पासपोर्ट वापस लिया जा सके। लेकिन, दवा की अधिक मात्रा देने के कारण महदी की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया और यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सज़ा (Death Penalty) सुनाई।
ब्लड मनी (दिया) और सज़ा माफी की प्रक्रिया
यमन के शरीया कानून के अनुसार, अगर पीड़ित परिवार ब्लड मनी (दिया) स्वीकार कर लेता है तो दोषी को माफ किया जा सकता है। निमिषा के परिवार और भारत के कई सामाजिक संगठनों ने ब्लड मनी इकट्ठा करने के लिए देशभर में अभियान चलाया।
ग्रैंड मुफ़्ती कार्यालय की मध्यस्थता से मिली राहत | Yemen Nimisha Priya
भारतीय ग्रैंड मुफ़्ती कंथापुरम एपी अबुबकर मुस्लैयार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने यमनी धार्मिक नेताओं और अधिकारियों से लगातार संपर्क में रहकर निमिषा के लिए क्षमा की मांग की। लंबे समय तक चली बातचीत के बाद सना में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि निमिषा की मौत की सज़ा को स्थायी रूप से रद्द किया जाएगाSav e
India Government (भारत सरकार) और केरल सरकार (Kerla Government) की भूमिका
भारत सरकार और केरल सरकार ने कूटनीतिक चैनल्स के माध्यम से यमन सरकार के साथ लगातार संवाद बनाए रखा। चूंकि यमन में भारत का दूतावास नहीं है, इसलिए यह मामला और भी जटिल हो गया था। इसके बावजूद भारतीय पक्ष की मेहनत और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से यह ऐतिहासिक सफलता मिली है।
सोशल मीडिया पर राहत की लहर
“Save Yemen Nimisha Priya” अभियान में जुड़े लाखों लोग इस खबर से भावुक हो गए हैं। सोशल मीडिया पर लोग इसे “मानवीयता की जीत” बता रहे हैं और निमिषा की रिहाई की प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग कर रहे हैं।